कंकड़ी/री पत्थर का छोटा गोल-सा टुकड़ा। वि. कंकड़ीला। कंकाल - (पुं.) (तत्.) - अस्थियों, उपास्थियों का बना शरीर का दृढ़ ढाँचा जो आंतरिक अंगों को सुरक्षा प्रदान ६ प्रश्न-७०० मानव का मुख्य लाजवंती का झाड़ छूते ही सिकुड़ जाता है। यदि वृक्ष की जड़ के पास धन गाड़ दिया जावे तो जड़ उसी तरफ को फैल जाती है। प्रश्न-४३९ क्� दंड़क वृत्त का एक भेद । विशेष—यह छंद ३२ वर्णों का होता है । आठ आठ वर्णा पर यति होती है । इसमें ३१ वाँ वर्ण गुरु और ३२वाँ लघु होता है । यतियों पर अनुप्रासों
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